सत्याग्रह आन्दोलन : महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया आन्दोलन

Satyagraha andolan in hindi

देश के इतिहास के पन्नों को पलट के देखे तो हम यह जानेंगे की देश की आजादी के लिए कई आन्दोलन और कई विर्द्रोह हुए थे। देश की आजादी के लिए पहला बिगुल तो वैसे 1857 की क्रांति को माना जाता है। इसके बाद यह आग देश की आजादी के बाद ही ख़त्म हुई। इन आन्दोलनों की सूची में सत्याग्रह आन्दोलन भी एक आन्दोलन माना जाता है। 

देश की आजादी के लिए हुए कई आंदोलन में यह भी एक आन्दोलन है जो महात्मा गांधी के नेतृत्व में किया गया था। सत्याग्रह आन्दोलन का अपना एक विशेष महत्त्व है। सत्याग्रह का मतलब होता है “सत्य के प्रति आग्रह” 

सत्याग्रह आन्दोलन : महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया आन्दोलन

सत्याग्रह आन्दोलन का मुख्य लक्ष्य “अन्याय का विरोध करना और अन्यायी के प्रति वैभव न रखना।” सत्याग्रह आन्दोलन की चिंगारी दक्षिण अफ्रीका से उठी थी जहा अफ्रीका के ट्रांसवाल में तत्कालीन औपनिवेशिक सरकार द्वारा काले और गोरो का फर्क करते हुए भेदभाव का कानून पारित किया था जिसके विरोध में इस आन्दोलन की चिंगारी भारत में उठी थी। 

यह एक आदोलन थे जिसमे कई अन्य कार्यक्रम चलाये गये थे। इस आन्दोलन में सत्याग्रह शब्द का प्रयोग पहली बार 1906 में किया गया था। इस आन्दोलन के अंतर्गत कई कार्यक्रम चलाये गए जिसमे चंपारण सत्याग्रह, बारदोली सत्याग्रह और खेड़ा सत्याग्रह इत्यादि प्रमुख थे। 

आन्दोलन की शुरुआत1917
आन्दोलन का नेतृत्वमहात्मा गांधी
सत्याग्रह का पहला आन्दोलनबिहार के चंपारण से 
आन्दोलन के कथन : महात्मा गांधी द्वारायह एक सच्चाई पर कायम आन्दोलन जिसमें हिंसा का इसमें कोई स्थान नही है। 

सत्याग्रह आन्दोलन की शुरुआत

भारत में सत्याग्रह का पहला आन्दोलन साल 1917 में बिहार के चंपारण से शुरू हुआ था। इस आदोलन के दोहन कई तरह के उपवास और हड़ताले और विद्रोह किये गये थे। इस आदोलन के सार्वभोमिक दर्शन ने प्रभावोत्पादकता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए थे। भारत में बिहार के चंपारण से शुरू हुई यह आन्दोलन की ज्वाला धीमे – धीमे पुरे देश में फ़ैल गई थी। 

सत्याग्रह का विचार 

सत्याग्रह के इस आन्दोलन का विचार महात्मा गांधी के साथ हुई एक घटना से आया था। जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका गये थे तब वहा की औपनिवेशिक सरकार ने कालों और गोरो के भेदभाव का एक कानून पारित किया था। इतना ही नही, महात्मा गांधी को जब ट्रेन के कोच से नीचे यह कह कर उतार दिया था की वो अश्वेत है जबकि उनके पास प्रथम क्लास का टिकेट था। 

इस तरह की घटना ने महात्मा गांधी ने खुद का अपमान माना और वो सोचने लगे की जब यह यहा इतना हो रहा है तो भारत में कितना हो रहा होगा। इसी विचार ने सत्याग्रह आन्दोलन को जन्म दिया था। 

अन्य सत्याग्रह आन्दोलन

सत्याग्रह आदोलन में कई कार्यक्रम किये गये थे जिनमे से कुछ यह निम्न है –

चंपारण आन्दोलन : 1917, बिहार के चंपारण से शुरुआत। 

अहमदाबाद सत्याग्रह : 1918, गुजरात के अहमदाबाद से शुरुआत। 

खेडा सत्याग्रह आन्दोलन : 1918, गुजरात के खेडा जिले से। 

रॉलेट सत्याग्रह : 1919, जल्यावाला बाघ से अंग्रेजों के विरुद्ध भरी हुँकार। 

बालडोली सत्यागह : 1928, गुजरात के बालडोली से शुरुआत। 

नमक सत्याग्रह : गुजरात के डांडी गाँव से। 

निष्कर्ष

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