Ramayan kisne likhi thi ( रामायण किसने लिखी थी ) देवों के भूमि भारत का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों का लिखा हुआ है। आस्था और विश्वास के ऊपर टिका यह देश भले ही आज पाश्चत्य जीवन शैली का अनुकरण करता हो, मगर लोगों के मन भक्ति और श्रद्धा आज भी उज्जिबित है।
ज्ञान का भंडार कहे जाने वाली यह देश पुराने समय से ही पुरे विश्व भर में अपने ज्ञान को बंटता आया है। नालंदा विश्वविद्यालय इसका एक उदहारण मात्र। सदियों पुरानी इसकी संकृति आज भी ग्रंथो और पुराणों में जीवित है।
भारत में कई सारे मूल्यवान वेद, उपनिषद, ग्रंथ और पुराण लिखे गए थे। समय के साथ साथ कुछ लुप्त भी हो गए, मगर पीछे छोड़ गए अपने महानता की गाथाएं जो आज भी लोगों के मुह से सुने जा सकते है।
सदियों पुरानी रामायण और महाभारत जैसी ग्रंथ आज भी हिमे नैतिकता, शनसिलता और सत्संग का पथ पढ़ाता है।
आज हम जानने वाले है रामायण और उसके रचयिता के बारे में।
रामायण क्या है?
रामायण एक धार्मिक ग्रंथ है जो मर्यादा पुरुष प्रभु श्रीराम की गाथा को वर्णन करता है। प्रभु श्रीराम के जीवन में घटित सारी घटनाएं इस ग्रंथ में श्लोक और स्कन्द के माध्यम से दर्शाया गया है। इसके 7 ग्रंथ है।
इस ग्रंथ के रचनाकाल के बारे में कई सारे अपवाद जुड़े हुए है, कई सारे विद्वान मानते है कि यह ईशा पूर्व 6वी शताब्दी में लिखी गयी थी, कई कई मानते है कि यह ईशा पूर्व 3 से 4 शताब्दी पहले लिखी गयी थी।
रचनाकाल चाहे जो भी हो यह महाभारत और बौद्ध धर्म के सृष्टि से पहले लिखी गयी इसका प्रमाण जरूर है।
महाभारत तथा बौद्ध धर्म के कई सारे ग्रंथो में रामायण का जिक्र हुआ है, लेकिन रामायण में ऐसा नहीं हुआ है । अतः यह ये सबसे पहले लिखी हुई ग्रंथ है। पर लेखन शैली से यह पता लगता है कि रामायण के 7 ग्रंथों में से पहला और आखरी ग्रंथ को बाद में लिख कर जोड़ा गया है।
रामायण की कथा भगवन विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम के ऊपर वर्णित है। इसमें 7 भाग तथा कांड है, जो के कुछ इस प्रकार – बालकाण्ड, अयोध्यकाण्ड, अरण्यकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, लङ्काकाण्ड और उत्तरकाण्ड।
प्रभु श्रीराम के जन्म से लेकर माता सीता से स्वयंबर, वनवास, रावण से युद्ध तथा अयोध्या आगमन अदि विस्तारित रूप से इस ग्रंथ में बताया गया है। इस ग्रंथ में सर्वाधिक 24,000 श्लोक लिखे गए है, जो के किसी और ग्रंथों में पाए नहीं जाते।
रामायण के रचयिता कौन है?
रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि द्वारा की गई थी। वाल्मीकि आदिकवि के नाम से भी प्रसिद्ध है। महर्षि वाल्मीकि न केवल संस्कृत के विद्वान थे बल्कि ज्योतिष शास्त्र और खोगोल शास्त्र में भी उनका प्रगाढ़ ज्ञान था। अपने वनवास कल के दौरान प्रभु श्रीराम महर्षि वाल्मीकि से मिलने उनके आश्रम गए थे।
रामायण के साथ साथ महर्षि वाल्मीकि का जिक्र महाभारत में भी देवी द्रौपदी के द्वारा किये गए एक यज्ञ के दौरान हुआ है। अतः महर्षि वाल्मीकि एक ऋषि ही नहीं वल्कि देवता होने का प्रतीत होते है, जो के सत्य, द्वापर और त्रेता जैसे तीन युगों में उपस्थित थे।
रामायण के साथ साथ वाल्मीकि ने योगवासिष्ठ और अक्षर लक्ष के भी रचयिता है।
आपने क्या सीखा ?
हमे आशा है की आपको Ramayan kisne likhi thi ( रामायण किसने लिखी थी ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।