रामायण के रचियता कौन थे ? रामायण ग्रंथ किसके द्वारा लिखा गया है ?

ramayan ke rachyita kaun hai
Ramayan ke rachyita kaun hai ( रामायण के रचियता कौन है ? ) कोरोना काल में रामायण को हमने काफी देखा है, वही बचपन से ही हम इसे दूरदर्शन चैनल पर देखते आ रहे है। रामायण भारत के प्राचीन इतिहास के धार्मिक ग्रंथो में से एक है। रामायण के बारे वैसे तो काफी लोग जानते है वही आज की पीढ़ी रामायण से शायद परिचित नही है। क्या आपको भी पता है की रामायण के रचियता कौन है ? नही न!, आईये जानते है इसके बारे में विस्तार से –
रामायण क्या है ?
रामायण का शाब्दिक अर्थ देखे तो इसका सामान्य अर्थ होता है राम + आयणम् जिसका शाब्दिक अर्थ होता है भगवान श्री राम की जीवनी। रामायण एक धार्मिक और पतित्र ग्रन्थ है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के बारे में दो पवित्र ग्रन्थ लिखे गये है जिनमे से यह रामायण एक है।
रामायण के रचियता कौन है ?
वाल्मीकि कृत रामायण में भगवान श्री राम की जीवनी है। इसमें 24 हजार श्लोक, 500 उपखंड और 7 काण्ड है। रामायण के रचियता वाल्मीकि है। रामायण में भगवान श्री राम की लंकापति रावण पर विजय का भी वर्णन है। हर जो रामायण टीवी में देखते है वो इसी रामायण ग्रन्थ से प्रेरित है। वाल्मीकि जी ने ही रामायण लिखी थी।
रामायण में भगवान श्री राम की जीवन कथा के बारे में बताया गया है। भारत के प्राचीन और पवित्र ग्रंथों की सूची में इसे भी एक ही माना जाता है। रामायण की माने तो राजा दशरथ ने पुत्र की प्राप्ति हेतु पुत्रेष्ठी यग्य करवाया था। इस यज्ञ को ऋष्यश्रृंग ने संपन्न करवाया था।
हिन्दू धर्म और मान्यताओं में 33 करोड़ देवी देवताओं को मान्यता है वही रामायण के अरण्यकांड के चौदहवे सर्ग के चौदहवे श्लोक में सिर्फ तैंतीस देवता ही बताए गए हैं। इसमें बारह आदित्य, आठ वसु, ग्यारह रुद्ध, और दो अश्विनी कुमार, इन सब को तैतीस करोड़ देवी देवता के रूप में जाना जाता है।
रामायण के बारे में कुछ अनसुने तथ्य –
रामायण से जुड़े कुछ सामान्य तथ्य जो इस प्रकार है।
- रामायण की मान्यता के अनुसार ऐसा बताया गया है की राजा दशरथ ने पुत्र की प्राप्ति हेतु पुत्रेष्ठी यग्य करवाया था।
- रामायण की रचियता वाल्मीकि ने की थी और इसमें 33 करोड़ देवी देवताओं की मान्यता है।
- वाल्मीकि कृत रामायण में रामायण द्वारा रचित सीता स्वयंवर का वर्णन नही है।
- रामायण में ऐसा भी बताया गया है की जब श्री राम वनवास गये थे तब उनकी उम्र तक़रीबन 27 वर्ष की थी। श्री राम के पिता राजा दशरथ उन्हें कभी वनवास नही भेजना चाहते थे परन्तु वे वचनबध थे।
- सीताहरण करते समय रामायण के अनुसार जटायु नामक गिद्ध ने रावण को रोकने का प्रयास किया था। वही रामायण के अनुसार जटायु के पिता अरुण हैं। ये अरुण ही भगवान सूर्यदेव के रथ के सारथी हैं।
- राम-रावण के युद्ध के समय जब रावण का वध नही हो रहा था और रावण के सर बार – बार वापस आ रहे थे तब रावण के छोटे भाई विभीषण ने श्री राम को बताया था की रावण की नाभि में अमृत का कुंड है और इसी वजह से वो सुरक्षित है। उसके बाद श्री राम ने रावण की नाभि में तीर से उस अमृत कुंड को नष्ट कर दिया और उसके बाद रावण का वध हो गया।
- श्री राम ने जब रावण का वध किया था तो उस समय रावण ने अंतिम समय में श्री राम नाम का जाप किया था।
आपने क्या सीखा ?
हमे आशा है की आपको Ramayan ke rachyita kaun hai ( रामायण के रचियता कौन है ? ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।

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