Rajasthan ka rajya pushp kaun sa hai ( राजस्थान का राज्य पुष्प कौनसा है ) पुष्प या फूल मानव जाति को प्रकृति का एक ऐसा अवदान है जिसके महत्व और फायदे शब्दो में वर्णन नहीं किये जा सकते। भगवान के पूजा से लेकर घर के सजावट या फिर आयुर्वेदिक दवाओं के लिए इनका उपयोग भारत में शदियों से होता आया है।
इसके अलावा फूलों के सुगंध मन में सकारात्मक भावनाओ को उजागर भी करता है। कई देशों में एक दूसरे से मिलने पर फूलों का आदान प्रदान किया जाता है। अतः आकार में भले ही छोटे दिखे मगर अपने खूबसूरती और महक से ये मनुष्य के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालती है।
ऐसा ही एक पुष्प भी है जो राजस्थान का राज्य पुष्प है। आज हम इस लेख में चर्चा करने वाले है राजस्थान का राज्य पुष्प के बारे में और जानेंगे कि राजस्थान का राज्य पुष्प क्या है और इससे जुड़ी कुछ और जानकारियां को भी देखेंगे।
राजस्थान का राज्य पुष्प
मरुशोभा और रेगिस्थान का सागवान से परिचित रोहिड़ा का फूल राजस्थान का राज्य पुष्प है। 31 अक्टूबर 1983 को रोहिड़े के फूल को राज्यपुष्प घोषित किया गया। रोहिडा के फूल का वैज्ञानिक नाम टेको मेला उन्डुलेटा है।
यह फूल गंधहीन होने के वाबजूद देखने में काफी सुंदर होते है, लाल और केशरिया रंग का यह फूल रेगिस्थान के कई इलाकों में पाए जाते है। शुष्क तथा अर्ध-शुष्क इलाको में पनपने वाले यह पेड़ रेगिस्थान के गर्मी को झेल ने में सक्षम है। गर्मी के मौसम में तपती रेगिस्थान में अपने ख़ूबसूरत फूल को बिखरते रोहिड़े के पेड़ गुलदस्ता भांति भ्रम पैदा करते है।
राज्य के चुरू जिले में भारी मात्रा में पाए जाने वाले यह पेड़ राज्य के दूसरे भाग जैसे की नागौर, जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर, जालौर और पाली में भी पाए जाते है। चुरू के सरदार शहर, राजगढ़, तारानगर और चुरू तहसील में ज्यादा मात्रा में पाई जाती है।
रोहिड़े के पेड़ के फायदे
कड़कती गर्मी को झेलने की क्षमता रखने वाली यह पेड़ ज्यादातर मरुस्थल में पाये जाते है। कम पानी में भी खुद को जिन्दा रखने की क्षमता से रेगिस्थान में टिके हुए है। पतझड़ के अलावा सालभर हरा भरा रहने के कारण जानवर और इंसान इसके छाया में विश्राम करते है।
इसके हरे पत्तियों को जानवर के चारे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। अप्रैल के अंत तक इसके सारे फूल गिरने के कारण मवेशी पेड़ के नीचे घूमना ज्यादा पसंद करते तथा इनके फूल को बड़े चाव से खाते है।
इसके लकड़िया काफी शाक्त होने के कारण इनसे खिड़की, दरवाजे, कृषि औजार आदि बनाया जाता है। राजस्थान के पुराने हवेली तथा घर में रोहिड़े के लकड़ी से बने कई सारे खिड़की और दरवाजे तथा अन्य उपकरण देखने को मिलजाते है।
इस पुष्प की शाखा शाखा को रात में पानी में भिगोकर सुबह उस पानी को पिने से यह मधुमेह और रक्त चाप जैसी बीमार के मरीजों के लिए लाभदायी होता है। बचों में फोड़े और फुसिया होने पर इसके छिलके को घिसकर लगाया भी जाता है।
खतरे में है रोहिड़े की पेड़ ?
बढ़ते कृषि तथा मवेशियों के लिए चारों के कमी के वजह से पेड़ को नुकसान पहुचाया जाता है। पारंपरिक तरीके से खिड़की , दरवाजे अब न बनने के कारण रोहिड़े की इतनी जरुरत नहीं रहती।
आपने क्या सीखा ?
हमे आशा है की आपको Rajasthan ka rajya pushp ( राजस्थान का राज्य पुष्प ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।