Bharat ki khoj kisne ki thi ( भारत की खोज किसने की थी ) उत्तर में हिमालय पूर्व, दक्षिण में बाहे फैलाती सागर और पश्चिम में रेगिस्तान से सुरक्षित हमारा यह प्यारा भारतवर्ष सदियों तक बाहरी दुनिया के लोगो से छिपा रहा। यह देश इतना खुशाल और आत्मनिर्वर था कि कभी उसकी जरुरत भी नहीं आयी। ऐसे में कभी न कभी तो बाहरी लोगो से हमे मिलना ही था।
ऐसे तो भारत में एलेग्जेंडर का आगमन 327 ईसापूर्व हो चूका था, एक आक्रमणकारी के तौर पर। उनके बाद अरब फिर मंगोल और मुग़ल भी भारत आये। अरब को छोड़ बाकि सबमे एक समानता थी कि वे खयबेर पास होकर आये थे। इनमे से न तो कई किसी खोज में या फिर दोस्ती का संदेश लेके आया था, बल्कि सब भारत के दौलत को लूटना चाहते थे।
भारत की खोज
नयी दुनिया (लोगों और जगह) के तलाश में जब एक पुर्तगाली जहाज 1498 को भारत के कालीकट के मालाबार तट पर पहंचा, तो यह जलमार्ग पर भारत की पहली खोज बना। जैसे की आप को पता है कि खयबेर पास से होकर पहले भी लोग भारत पहंचे थे, मगर दूसरे महाद्वीप से आने वाले पोर्तुगीज ही पहले इंसान थे जो भारत समुन्दर से होके आये थे।
भारत की खोज किसने की थी?
वास्को डी गामा, एक पेर्तुगीज नाविक और खोजकर्ता के द्वारा भारत की खोज मई 20 1498 को हुई थी, हालांकि इस बात की हम पुष्टि नही करते है क्योंकि यह इतिहास से जुड़े विषय है। कुछ इतिहासकार मानते है की वास्को डी गामा ने भारत आने वाले समुंदरी रास्तों की खोज की थी ना की भारत की। वे लिस्बन, पोर्तुगीज से 1497 में निकल कर अफ्रीका के तट से होके भारत पहंचे थे।
वास्को डी गामा कौन थे?
वास्को डी गामा एक खोजकर्ता होने साथ साथ एक दिशानिर्देशक भी थे। वे पेर्तुगीज के शासक के द्वारा जलपथ से पूर्वी देशों को खोज निकालने के लिए नियुक्त किये गए थे । वास्को डी गामा भारत के जलयात्रा पर तीन बार निकले थे, 1497 , 1502 में और 1521में।
पोर्तुगीज के द्वारा भारत से सीधे व्यापर करने की कोशिश में वे सफल भी रहे। एक सरकारी कर्मचारी के तौर पे उन्होंने अपना काम बखूबी निभाते हुए सिकंदर लोधी के दरबार पर आये और व्यापर की अनुमति भी प्राप्त किये।
1460 में पुर्तगाल राज्य के सीन्स सहर में एक योद्धा के परिवार जन्मे वास्को डी गामा के पिता एस्टेवाओ डा गामा विसेऊ के राजा के किले रक्षक थे। वास्को डी गामा के जन्म के बाद उनके पिता सिविल गोवोर्नर के पद पर पदोन्नति हुई।
बचपन में एवोरा सहर में गणित और दिशानिर्देश के बारे में पढ़ने के बाद कुछ अफवाहें यह भी बताते है कि वे अब्राहम जक्यूटो के पास भी पढ़े थे। 1480 वे आर्डर ऑफ़ सेंटिआगो( सेना की एक टुकड़ी) में भर्ती हुए, जिसके मुख्य प्रिंस जॉन थे जो आगे चलकर किंग जॉन द्वितीय के नाम से परिचित हुए। बाद में वास्को डी गामा भी दिशानिर्देशक के तौर पे नियुक्त किये गए।
वास्को डी गामा की पहली जलयात्रा
भारत के खोज में 4 जहाज और 171 आदमियों के साथ वास्को डी गामा 8 जुलाई 1497 को लिब्सॉन से निकले थे, पर लौटते वक़्त समुद्री तूफान और प्रतिकूल जलवायु के कारण उन्होंने अपने दो जहाज के साथ साथ लगभग 120 आदमियों को भी खो दिया था। उनके साथ उनके भाई पाब्लो भी इस यात्रा के दौरान थे , मगर स्कर्वी के कारण भी उनका मृत्यु हो गया।
वास्को डी गामा का देहांत
1524 के अपने तीसरे भारत जलयात्रा के दौरान कोचीन पहंच कर वे बीमार हो गए , और फिर उनकी मौत भारत में ही हुआ। उत्तर में हिमालय पूर्व, दक्षिण में बाहे फैलाती सागर और पश्चिम में रेगिस्तान से सुरक्षित हमारा यह प्यारा भारतवर्ष सदियों तक बाहरी दुनिया के लोगो से छिपा रहा। यह देश इतना खुशाल और आत्मनिर्वर था कि कभी उसकी जरुरत भी नहीं आयी। ऐसे में कभी न कभी तो बाहरी लोगो से हमे मिलना ही था।
ऐसे तो भारत में एलेग्जेंडर के आगमन 327 ईसापूर्व हो चूका था, एक आक्रमणकारी के तौर पर। उनके बाद अरब फिर मंगोल और मुग़ल भी भारत आये। अरब को छोड़ बाकि सबमे एक समानता थी कि वे खयबेर पास होकर आये थे। इनमे से न तो कई किसी खोज में या फिर दोस्ती का संदेश लेके आया था, बल्कि सब भारत के दौलत को लूटना चाहते थे।
आपने क्या सीखा ?
हमे आशा है की आपको Bharat ki khoj kisne ki thi ( भारत की खोज किसने की थी ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।